Monday 3 February 2020

ज़िन्दगी के ना जाने किस मोड़ पे उससे मुलाकात होगी



 
ज़िन्दगी के ना जाने किस मोड़ पे उससे मुलाकात होगी;

 मेरे हिस्से में भी खुशियों की शाम होगी।

ना जाने वो कहाँ है ...... उसकी ही कमी है.। 

उसके लिए खाली दिल की ये जमीन है। 

उसे  बाँहों में भर लूँगा ;मैं उससे  जब मिलूँगा ;

ज़िन्दगी की तब नयी शुरुआत होगी।

मेरे हिस्से में भी खुशियों की शाम होगी ।

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