ज़िन्दगी के ना जाने किस मोड़ पे उससे मुलाकात होगी;
मेरे हिस्से में भी खुशियों की शाम होगी।
ना जाने वो कहाँ है ...... उसकी ही कमी है.।
उसके लिए खाली दिल की ये जमीन है।
उसे बाँहों में भर लूँगा ;मैं उससे जब मिलूँगा ;
ज़िन्दगी की तब नयी शुरुआत होगी।
मेरे हिस्से में भी खुशियों की शाम होगी ।
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